मेरे लफ्ज़ फ़ीके पड़ गए तेरी अदा के सामने, फासले ही बढ़ाये हैं लोगों ने… हौसला किसी ने नही बढ़ाया आसमान पे चलने वाले जमीं से गुजरा नहीं
मेरे लफ्ज़ फ़ीके पड़ गए तेरी अदा के सामने, फासले ही बढ़ाये हैं लोगों ने… हौसला किसी ने नही बढ़ाया आसमान पे चलने वाले जमीं से गुजरा नहीं